HBSE Class 8 नैतिक शिक्षा Chapter 3 -सूक्ति सुधा Explanation Solution

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HBSE Class 8 Naitik Siksha Chapter 3 सूक्ति सुधा Explanation for Haryana Board of नैतिक शिक्षा Class 8th Book Solution.

सूक्ति सुधा Class 8 नैतिक शिक्षा Chapter 3 Explanation


1. सूक्ति सुधा धियो यो नः प्रचोदयात् । (यजुर्वेद)
परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग पर ले चलें।

भाव – हे प्रभो ! हम तेरी शरण में आए हैं। हमें ऐसी प्रेरणा दो जिससे हम सन्मार्ग की ओर चलें तथा सद्‌गुणी बने। हमारी बुद्धि सतकर्मों की ओर प्रवृत्त हो।

2. विश्वदानी सुमनसः स्यामः
हम सदा पुष्प के समान बनें। (ऋग्वेद)

भाव – जिस प्रकार पुष्प अपनी मधुरिमा से परिपूर्ण सुगन्ध चारों ओर बिखेरता है उसी प्रकार हम भी दिव्य गुणों से इस संसार को महकाएँ तथा पुष्प के समान ही अपने लिए न जीकर दूसरों के लिए जीवन बलिदान करने वाले बने।

3. नस सखा यो न ददाति सख्ये (ऋग्वेद) 
वह मित्र नहीं जो साथी की सहायता नहीं करता।

भाव – मित्र विषम परिस्थितियों में भी अपनी मित्रता का परिचय देता है तथा अपने साथी का साथ नहीं छोड़ता। वास्तव में सच्चे मित्र की पहचान मुसीबत में ही होती है।

4. पंच क्षिप्रं विनश्यन्ति, स्तब्धो लुब्धश्च यो नरः।
अभिमानी च कामी च, गुरु-द्वेषी तथैव च।। (चाणक्य नीति)

भाव – अर्थात् पाँच प्रकार के मनुष्य जल्दी ही नष्ट हो जाते हैं दुराग्रही, लोभी, अभिमानी, कामी और गुरु के द्वेषी। दुराग्रह करने वाला मनुष्य, लोभ के वशीभूत हुआ मनुष्य, अहंकार से भरा हुआ अर्थात् मद से चूर हुआ मनुष्य कभी प्रगति नहीं करता। काम से पीड़ित मनुष्य और गुरु से द्वेष रखने वाले मनुष्य का मार्ग कभी प्रशस्त नहीं होता क्योंकि उसकी मति हर ली जाती है।

5. ईर्ष्या, लोभ, क्रोध एवं कठोर वचन-इन चारों से सदा बचते रहना ही वस्तुतः धर्म है। (तिरुवल्लुवर)

6. वह मनुष्य वास्तव में बुद्धिमान है, जो क्रोधावस्था में भी गलत बात मुख से नहीं निकालता है। (शेखसादी)

7. स्वास्थ्य सबसे महान उपहार है। सन्तोष सबसे बड़ा धन है। (महात्मा बुद्ध)

8. गुरु बिन पन्थ न पावै कोई। केतिको ज्ञानी ध्यानी होई ।। (नूर मोहम्मद)

9. जो धैर्यवान् और क्षमाशील है, वह निश्चय ही सबसे बड़ा साहसी है। (कुरान)

10. सत्य के लिए सब कुछ त्यागा जा सकता है, पर सत्य को किसी भी चीज़ के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। (विवेकानन्द)


 

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