Class 10 इतिहास BSEH Solution for chapter 5 ईसाइयत एवं इस्लाम : उदय व टकराव Question Answer for Haryana board. CCL Chapter Provide Class 1th to 12th all Subjects Solution With Notes, Question Answer, Summary and Important Questions. Class 10 History mcq, summary, Important Question Answer, Textual Question Answer in hindi are available of भारत एवं विश्व Book for HBSE.
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HBSE Class 10 इतिहास / History in hindi ईसाइयत एवं इस्लाम : उदय व टकराव / Isaiyat avam islam uday va takrav Question Answer for Haryana Board of chapter 5 in Bharat avam vishwa Solution.
ईसाइयत एवं इस्लाम : उदय व टकराव Class 10 इतिहास Chapter 5 Question Answer
आओ जाने :-
प्रश्न 1. ईसाई मत की स्थापना किसने की थी?
उत्तर – ईसाई मत की स्थापना जीसस ने की, जिन्हें ईसा मसीह भी कहा जाता है।
प्रश्न 2. इस्लाम की स्थापना किसने की थी?
उत्तर – हजरत मोहम्मद ने
प्रश्न 3. क्रूसेड किसे कहते हैं?
उत्तर – ईसाइयत व इस्लाम के टकराव को क्रूसेड कहा जाता है।
प्रश्न 4. मार्टिन लूथर ने किस मत की नींव रखी?
उत्तर – प्रोटेस्टेंट मत की
प्रश्न 5. खलीफा कौन होते थे?
उत्तर – खलीफा इस्लाम धर्म के उत्तराधिकारी होते थे। हजरत साहब की मृत्यु के पश्चात चार पवित्र खलीफा बारी-बारी उनके उत्तराधिकारी बने।
प्रश्न 6. कोलंबस ने क्या खोज की?
उत्तर – कोलंबस ने सर्वप्रथम 1492 ई. में अमरीकी महाद्वीप खोजा।
आइए विचार करें :-
प्रश्न 1. ईसाई लोगों ने क्रूसेड क्यों किए?
उत्तर – मुसलमानों ने ईसा मसीह की पवित्र समाधि नष्ट कर दी तथा वहां रहने वाले ईसाइयों को मार डाला। बचे हुए ईसाई बंदियों का जीवन जी रहे थे और वे अपना उत्सव भी नहीं बना पा रहे थे। उनके घरों में कीचड़ फेंका जाता तथा विरोध करने पर भयंकर यातनाएं दी जाती थी। फिलिस्तीन में ईसाइयों की स्थिति व तीर्थ यात्रियों पर होने वाले अत्याचार की सूचनाएं यूरोप पहुंचने लगी। ईसाई जगत इसके प्रति उदासीन नहीं रह सकता था। अब पुण्य भूमि को मुसलमानों से मुक्त कराने में वहां की यात्रा को सुरक्षित बनाने पर यूरोप में विचार होने लगा। इन सभी कारणों के चलते क्रूसेड हूए।
प्रश्न 2. मार्टिन लूथर ने नए मत की नींव क्यों रखी?
उत्तर – रोमन साम्राज्य के पतन के बाद यूरोप में पोप के प्रभाव में बढ़ोत्तरी हुई। कालान्तर में ईसाई मत दो भागों में बंट गया था। एक सम्प्रदाय को रोमन कैथोलिक चर्च तथा दूसरे सम्प्रदाय को प्रोटेस्टेंट कहा जाता था। रोमन कैथोलिक चर्च के अनुयायियों का मानना है कि वेटिकन नगर में स्थित पोप ईसा मसीह का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी है। परम्परागत ईसाइयत में सुधार की प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रोटेस्टेंट मत का उदय पन्द्रहवीं शताब्दी में हुआ था। इसके प्रवर्तक मार्टिन लूथर माने जाते हैं यह संप्रदाय उदारवादी दृष्टिकोण का पक्षधर है प्रारंभ में दोनों ईसाई गुटों में खूनी जुड़े हुए जिसमें लाखों लोगों की जानें गई। प्रोटेस्टेंट मत के अनुसार केवल बाइबल ही मान्य है, पोप मान्य नहीं है तथा ईश्वर तक पहुंचने के लिए किसी माध्यम की कोई आवश्यकता नहीं है। जबकि रोमन कैथोलिक के विचार इस मामले में अलग थी। इन्हीं कारणों के चलते मार्टिन लूथर ने नए मत की नींव रखी।
प्रश्न 3. खलीफा कौन होते थे? उनका काम क्या होता था?
उत्तर – खलीफा इस्लाम धर्म के उत्तराधिकारी होते थे। हजरत साहब की मृत्यु के पश्चात चार पवित्र खलीफा बारी-बारी उनके उत्तराधिकारी बने। उनका मुख्य कार्य केवल इस्लाम का प्रचार करना था। जहां खलीफाओं की राजनैतिक सत्ता स्थापित होती गई वहां इस्लाम का प्रचार होता गया।
प्रश्न 4. चर्च क्या होता है? संक्षेप में बताएं।
उत्तर – ईसाइयत में अनुयायियों का उपासना घर चर्च कहलाता है चर्च में प्रार्थना के लिए एक पादरी की नियुक्ति की जाती है। ईसाई मत का प्रमुख पोप कहलाता है। जो ईसाईयों का सर्वोच्च गुरु व पथ प्रदर्शक होता है। पांचवी सदी में रोमन साम्राज्य के पतन के बाद अराजकता के काल में लोगों ने अपनी भूमि चर्च को दान कर दी जिसके कारण चर्च बड़ी-बड़ी जागीरो के स्वामी बन गए। चर्च की संपत्ति के रखरखाव का कार्य पोप होता है। इसीलिए उसकी शक्ति बहुत बढ़ गई।
प्रश्न 5. क्रूसेड क्या थे?
उत्तर – ईसाइयत व इस्लाम के टकराव को क्रूसेड कहा जाता है। क्रूसेड आठ अभियानों के समूह को कहा जाता है। जिसमें प्रथम चार प्रमुख क्रूसेड थे जबकि शेष चार सामान्य क्रूसेड कहे जाते हैं।
आओ करके देखें :-
प्रश्न 1. यरूशलम की वर्तमान स्थिति पर एक निबंध लिखिए।
उत्तर – वर्तमान में यरूशलम एक विवादित स्थल है। इस स्थान पर इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्मों के पवित्र स्थल है। इज़रायल के लोग यरूशलम को अपनी राजधानी मानते हैं। जबकि यरूशलम को अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली है। फिलिस्तीन इसे अपना हिस्सा बताता है। यरूशलम की एक तिहाई आबादी फिलिस्तीनी मूल की है जो सदियों से यहां रह रहे हैं। छोटी सी बातों को लेकर भी यहां विवाद खड़े हो जाते हैं।
प्रश्न 2. इस्लाम व ईसाइयत के संघर्ष के परिणामों को सूचीबद्ध करें।
उत्तर –
इस्लाम और ईसाइयत के टकराव को क्रूसेड कहा जाता है। यह आठ अभियानों के समूह होता है। जिनके संघर्ष के परिणामों का वर्णन निम्नलिखित है।
- प्रथम क्रूसेड में फ्रांस के शासक रेमंड के दल ने येरूशलम को जीत लिया।
- दूसरे क्रूसेड में जर्मनी फ्रांस के शासकों की सेना असफल रही।
- तीसरे क्रूसेड में इंग्लैंड अपने मित्र के साथ संधि कर सफलता प्राप्त की।
- चौथे क्रूसेड में यरूशलम के पवित्र भूमि को छुड़ाने के प्रयास असफल रहे।
- इसके बाद के क्रूसेड सफल नहीं हो पाए।