NCERT Class 6 Hindi बाल राम कथा Ram ka Rajyabhishek / राम का राज्याभिषेक Chapter 12 Summary for Preparation of Exams and chapter understandings. Here we Provide Class 6 Hindi Question Answer, Important Questions, MCQ and Path ka Sar for Various State Boards like CBSE, Haryana Boards and Other baords. bal ram katha class 6 summary Chapter 12 solution Pdf download available soon.
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NCERT Class 6 Hindi बाल राम कथा / Bal Ram Katha Chapter 12 Ram ka Rajyabhishek / राम का राज्याभिषेक Summary / पाठ का सार Solution.
राम का राज्याभिषेक Class 6 Hindi Chapter 12 Summary
पाठ का सार
विभीषण चाहते थे कि राम कुछ दिन लंका में रुक कर विश्राम करें परंतु राम चौदह वर्ष पूरे होने पर अयोध्या पहुँचना चाहते थे क्योंकि उनके न पहुँचने पर भरत ने प्राण दे देने की प्रतिज्ञा की हुई थी। राम ने विभीषण, सुग्रीव और हनुमान को अपने साथ अयोध्या चलने के लिए कहा। ये सब पुष्पक विमान में बैठकर अयोध्या की ओर चल पड़े । राम सीढा की मन में पड़ने वाले प्रमुख स्थानों के बारे में बता रहे थे कि कहाँ रणभूमि श्री, कहाँ ऋल- जेल से समुद्र पर पुल बनवाया गया था, कहाँ किष्किंधा, ऋण्यमुक पर्यत, पंपा सरीवर, गोदावरी नदी और पंचवटी थी।
उनका विमान गंगा-यमुना के संगम पर स्थित ऋषि भारद्वाज के आश्रम के घास उतगा। सबने उनके आश्रम में विश्राम किया और हनुमान को राम के आगमन की सूचना भरत की देने के लिए अयोध्या भेज दिया। वे भरत का मन जानना चाहते थे कि कहीं इन चौदह वर्षों में भरत को सत्ता का मोह तो नहीं हो गया ? हनुमान वायु वेा से ठड़ कर अयोध्या की और चले। उन्होंने मार्ग में निषादराज गुह से मिलकर अयोध्या का हाल जानकिया। इसके बाद नंदीग्राम पहुँच कर भरत से भेंट कर के उन्हें बताया कि श्रीराम प्रयाग पहुँच चुके हैं। वे अयोध्या आ रहे हैं। यह समाचार सुनते ही भरत प्रसन्न हो गए और हनुमान की यह शुभ समाचार सुनाने के लिए धन्यवाद देने लगे। हनुमान वापस राम के पास लीट गए।
अगले दिन राम का विमान प्रयाग से श्रृंगवेरपुर होते हुए, सरयू नदी के पास से होता हुआ नंदीग्राम में जा उतरा। भरत से राम के आगमन की सूचना पाकर तीनों रानियाँ नंदीग्राम पहुँच गई तथा अयोध्या में राम के राज्याभिषेक की तैयारियाँ होने लगीं राम ने विमान से उतरकर भारत को गले लगा लिया और माताओं को प्रणाम किया भरत राम की खड़ाऊँ व्या लाए और राम को पहनाई। राम-लक्ष्मण ने नंदीग्राम में ही तपस्वी वस्त्र ठतार कर राजसी वस्त्र पहन लिए और उनकी शोभा यात्रा अयोध्या की ओर चल पड़ी। उन्होंने पुष्पक विमान कुबेर के पास वापिस भेज दिया जिसे रावण ने बलपूर्वक छीना था।
अयोध्या नगरी सज-धज कर राम का स्वागत कर रही थी। सभी लोग बहुत प्रसन्न थे। राजमहल में मुनि वशिष्ठ ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि कल सुबह राम का राज्याभिषेक होगा। शत्रुल ने राज्याभिषेक की सब तैयारियों पहले से ही कर दी थीं। रात के समय समस्त नगर में दीपोत्सव मनाया गया। अगले दिन मुनि वशिष्ठ ने राम का राजतिलक किया। राम और सीता सोने के रत्नजड़ित सिंहासन पर बैठे तथा लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न उनके पास खड़े थे। हनुमान नीचे बैठ गए माताओं ने आरती उतारी। सबको उपहार दिए गए। सीता ने अपने गले का हार हनुमान को दिया। शरीरे-धीरे सभी अतिथि विदा हो गए तथा ऋषि-मुनि अपने-अपने आश्रमों में चले गए। हनुमान राम की सेवा में ही रहे। राम ने लंबे समय तक राज्य किया। उनका राज्य सुख, समृद्धि से परिपूर्ण था।