राष्ट्रीय चेतना के तत्व Class 9 इतिहास Chapter 2 Important Question Answer – हमारा भारत IV HBSE Solution

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राष्ट्रीय चेतना के तत्व Class 9 इतिहास Chapter 2 Important Question Answer


प्रश्न 1. अंग्रेजों की शोषणकारी नीतियों का भारत और भारतीयों पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर – अंग्रेजों की शोषणकारी नीतियों के भारत और भारतीयों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़े

  • अंग्रेजों ने भूमि कर इकट्ठा करने के लिए बहुत सख्त भू राजस्व नीतियां लागू की जिससे कृषि पर निर्भर विभिन्न वर्गों बहुत अधिक गरीब हो गए।
  • औद्योगिक क्रांति आने से भारत से कच्चा माल निर्यात और तैयार माल आयात होने लगा। जिससे भारत के हस्तशिल्प व लघु उद्योग नष्ट हो गए तथा भारतीय व्यापारियों को बहुत हानि उठानी पड़ी।
  • भारत से बड़ी मात्रा में धन लगातार इंग्लैंड जाता रहा जिससे भारत में धन की कमी होने लगी और भारत गरीबी में आ गया।

प्रश्न 2. 1857 की महान क्रांति का वर्णन कीजिए।

उत्तर –  ब्रिटिश शोषण तथा भारतीय सभ्यता व संस्कृति में अनुचित हस्तक्षेप के विरुद्ध भारत के प्रत्येक क्षेत्र के हर वर्ग में एक बेचैनी तथा असंतोष उत्पन्न हुआ जिसकी चरम परिणति 1857 ई. की बड़ी क्रांति के रूप में हुई। भारत के राजा, प्रजा, व्यापारी, हस्तशिल्पी, किसान, जमींदार, स्त्री-पुरुष, हिन्दू-मुसलमान आदि प्रत्येक वर्ग ने एकजुट होकर शोषणकारी विदेशी शासन को उखाड़ फेंकने का सम्मिलित प्रयास किया। हजारों की संख्या में भारतीयों का बलिदान हुआ। इस राष्ट्रव्यापी संघर्ष को अंग्रेज अपने आधुनिक अस्त्र-शस्त्रों से दबाने में सफल तो हो गए किन्तु इस क्रांति की वीरगाथाएँ भारतीयों में सदा बलिदान तथा शौर्य की भावना जागृत करती रही।


प्रश्न 3. अंग्रेजों ने भारत में अंग्रेजी शिक्षा का आरंभ किन स्वार्थों के लिए किया? भारतीयों ने इस शिक्षा का कैसे लाभ उठाया?

उत्तर – अंग्रेजी शिक्षा को लागू करने के पीछे अंग्रेजी सरकार का उद्देश्य सस्ते क्लर्क, वफादार वर्ग तथा अंग्रेजी माल की अधिक से अधिक खपत करना था । आरंभ में ऐसा हुआ भी किंतु शीघ्र ही अंग्रेजी पढ़कर भारत में एक नए भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग का उदय हुआ। पश्चिमी शिक्षा का लाभ उठाते हुए भारतीयों ने पश्चिमी साहित्य जैसे- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रांति, इटली व जर्मनी के एकीकरण व आयरलैण्ड के स्वतंत्रता संघर्ष से प्रेरणा लेकर यह वर्ग स्वतंत्रता व स्वशासन की ओर आकर्षित हुआ।


प्रश्न 4. भारत के गौरवशाली इतिहास द्वारा किस प्रकार भारतीयों में आत्मसम्मान व स्वाभिमान की भावना ने जन्म लिया ?

उत्तर – विदेशी विद्वानों ने प्राचीन भारतीय इतिहास पर शोध करके भारत की प्राचीन गौरवशाली सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर को विश्व के सामने रखा। जेम्स प्रिन्सेप द्वारा ब्राह्मी लिपि पढ़ने से अशोक महान जैसे मौर्य सम्राट की जानकारी मिली, तो वहीं कनिंघम के पुरातात्त्विक उत्खनन से भारत की महान प्राचीन धरोहर का पता चला। यह ऐतिहासिक धरोहर किसी भी प्रकार से यूनान व रोम की सभ्यताओं से कमतर नहीं थी। कई विदेशी विद्वानों ने वेदों व उपनिषदों का गुणगान किया जिससे भारतीयों में आत्महीनता के स्थान पर आत्मसम्मान व स्वाभिमान की भावना ने जन्म लिया।


प्रश्न 5. अंग्रेज भारतीयों के साथ कैसा व्यवहार करते थे?

उत्तर – अंग्रेज स्वयं को उच्च प्रजाति का तथा भारतीयों को निम्न व निकृष्ट प्रजाति का मानकर उनसे घृणा करते थे। वे भारतीयों को हब्शी, काला बाबू आदि नामों से पुकारते थे तथा उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे। प्रजातीय विभेद की नीति के आधार पर भारतीयों के साथ अनेक प्रकार का दुर्व्यवहार किया जाता था।


प्रश्न 6.  ‘नील दर्पण’ क्या है?

उत्तर – बांग्ला नाटककार दीनबन्धु मित्र का 1860 ई. में प्रकाशित नाटक ‘नील दर्पण’ एक महत्वपूर्ण कृति है। इस नाटक में बंगाल के किसानों के ऊपर अंग्रेजों द्वारा किए गए अमानुषिक अत्याचारों की बड़ी भावपूर्ण अभिव्यक्ति हुई है।


प्रश्न  7. लार्ड लिटन की दमनकारी नीतियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर

  • 1876 ई. में आई.सी.एस. की प्रवेश-परीक्षा में बैठने की आयु घटाकर 19 वर्ष करना।
  • 1877 ई. में देश भर में अकाल के समय दिल्ली में शानदार शाही दरबार का आयोजन करना।
  • 1878 ई. में शस्त्र अधिनियम पास करके भारतीयों द्वारा शस्त्र रखने पर प्रतिबंध लगाना।
  • पत्रों पर 1878 ई. में वर्नाक्यूलर प्रैस अधिनियम पास करके भारतीय भाषाओं में छपने वाले समाचार रोक लगाना।

 

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