संसारसागरस्य नायका: Class 8 Sanskrit Chapter 8 Hindi Translation – रुचिरा NCERT Solution

Class 8
Subject संस्कृत
Book NCERT

NCERT Solution of Class 8th Sanskrit Ruchira /  रुचिरा  Chapter 8 संसारसागरस्य नायका: / sansarasya nayaka Vyakhya / व्याख्या /  meaning in hindi / translation in hindi Solution.

संसारसागरस्य नायका: Class 8 Sanskrit Chapter 8 Translation in Hindi-English


के आसन् ते अज्ञातनामान:?

शतशः सहस्रशः तडागाः सहसैव शून्यात् न प्रकटीभूताः । इमे एव तडागाः अत्र संसारसागराः इति । एतेषाम् आयोजनस्य नेपथ्ये निर्मापयितॄणाम् एककम्, निर्मातॄणां च दशकम् आसीत्। एतत् एककं दशकं च आहत्य शतकं सहस्रं वा रचयतः स्म। परं विगतेषु द्विशतवर्षेषु नूतनपद्धत्या समाजेन यत्किञ्चित् पठितम्। पठितेन तेन समाजेन एककं दशकं सहस्रकञ्च इत्येतानि शून्ये एव परिवर्तितानि। अस्य नूतनसमाजस्य मनसि इयमपि जिज्ञासा नैव उद्भूता यद् अस्मात्पूर्वम् एतावतः तडागान् के रचयन्ति स्म । एतादृशानि कार्याणि कर्तुं ज्ञानस्य यो नूतनः प्रविधि : विकसितः, तेन प्रविधिनाऽपि पूर्वं सम्पादितम् एतत्कार्यं मापयितुं न केनापि प्रयतितम्।

शब्दार्थ :- के – कौन। आसन् – थे। ते – वे। अज्ञातनामान: – अज्ञात नाम वाले। शतशः – सैकड़ों। सहस्रशः – हजारों। तडागा: – तालाब। सहसैव – अचानक ही। शून्यात् – शून्य से। न – नहीं। प्रकटीभूताः – प्रकट हुए। इमे – ये। एव – ही। तडागाः – तालाब। अत्र – यहां। संसारसागराः – संसार सागर। इति – है / कहे गए हैं। एतेषाम् – इनके। आयोजनस्य – आयोजन के। नेपथ्ये – पर्दे के पीछे / पीछे। निर्मापयितॄणाम् – निर्माण करवाने वालों की। एककम् – इकाई। निर्मातॄणां – निर्माण करने वालों की। च – और। दशकम् – दहाई। आसीत् – थी। एतत् – यह। एककं – इकाई। दशकं – दहाई। च – और। आहत्य – जोड़कर। शतकं – सैकड़ों। सहस्रं – हजारों। वा – या। रचयतः – निर्माण करना। स्म – थे। परं – परंतु। विगतेषु – पिछले। द्विशतवर्षेषु – 200 वर्षों में। नूतनपद्धत्या – नई पीढ़ी वाले। समाजेन – समाज केे द्वारा। यत्किञ्चित् – जो कुछ। पठितम् – पढ़ा गया। पठितेन – पठित। तेन – उस। समाजेन – समाज के द्वारा। एककं – इकाई। दशकं – दहाई। सहस्रकञ्च – और हजार को। इत्येतानि – में ही। शून्ये – शून्य। एव – ही। परिवर्तितानि – परिवर्तन किया। अस्य – इस। नूतनसमाजस्य – नए समाज के। मनसि – मन में। इयमपि – यह भी। जिज्ञासा – जानने की इच्छा। नैव – नहीं। उद्भूता – उत्पन्न हुई। यद् – कि। अस्मात्पूर्वम् – इससे पहले। एतावतः – इन। तडागान् – तालाबों को। के – कौन। रचयन्ति – बनाते। स्म – थे। एतादृशानि – इस प्रकार के। कार्याणि – कार्यों को। कर्तुं – करने के लिए। ज्ञानस्य – ज्ञान की। यो – जो। नूतनः – नई। प्रविधि: – तकनीक। विकसितः – विकसित हुई। तेन – उस। प्रविधिनाऽपि – तकनीक केे द्वारा भी। पूर्वं – पहले। सम्पादितम् – किए गए। एतत्कार्यं – इस कार्य को। मापयितुं – मापने के लिए। न – नहीं। केनापि – किसी ने भी। प्रयतितम् – प्रयास किया।

Translation in Hindi :- 

वे अज्ञात नाम वाले कौन थे?

सैकड़ों हजारों तालाब अचानक ही शून्य से प्रकट नहीं हुए। ये तालाब ही यहां पर संसार सागर कहे गए हैं। इनके आयोजन के पीछे निर्माण करवाने वालों की इकाई थी, और निर्माण करने वालों की दहाई थी। यह इकाई और दहाई जोड़कर सैकड़ों हजारों का निर्माण करते थे। परंतु पिछले 200 वर्षों में नई पीढ़ी वाले समाज के द्वारा जो कुछ भी पढ़ा गया। इस पठित समाज ने इकाई, दहाई और हजार को शून्य में ही परिवर्तित कर दिया। इस नए समाज के मन में यह जानने की इच्छा भी उत्पन्न नहीं हुई कि इससे पहले इन तालाबों को कौन बनाते थे। इस प्रकार के कार्य को करने के लिए जो नई तकनीक विकसित हुई। उस तकनीक के द्वारा भी पहले किए गए इस कार्य को मापने के लिए किसी ने भी प्रयास नहीं किया।

Translation in English —

Who were those unknown names?

Hundreds of thousands of ponds did not suddenly appear from nothing. These ponds have been called the ocean of the world here. Behind these events was the unit of the builders, and the tens of the builders. These units and tens were added to form hundreds of thousands. But whatever was read by the new generation society in the last 200 years. This educated society converted the unit, tens and thousand into zero. There was no desire to know in the mind of this new society who used to build these ponds earlier. The new technology that has been developed to do this type of work. No one even attempted to measure this work done before by that technique.


अद्य ये अज्ञातनामानः वर्तन्ते, पुरा ते बहुप्रथिताः आसन्। अशेषे हि देशे तडागा: निर्मीयन्ते स्म, निर्मातारोऽपि अशेषे देशे निवसन्ति स्म ।

गजधरः इति सुन्दरः शब्दः तडागनिर्मातॄणां सादरं स्मरणार्थम्। राजस्थानस्य केषुचिद् भागेषु शब्दोऽयम् अद्यापि प्रचलति । कः गजधर : ? य: गजपरिमाणं धारयति स गजधरः। गजपरिमाणम् एव मापनकार्ये उपयुज्यते। समाजे त्रिहस्त- परिमाणात्मिकीं लौहयष्टिं हस्ते गृहीत्वा चलन्त: गजधराः इदानीं शिल्पिरूपेण नैव समादृताः सन्ति। गजधरः, यः समाजस्य गाम्भीर्यं मापयेत् इत्यस्मिन् रूपे परिचितः।

शब्दार्थ :- अद्य – आज। ये – ये। अज्ञातनामानः – अज्ञात नाम। वर्तन्ते – वाले हैं। पुरा – पहले। ते – वे। बहुप्रथिताः – बहुत प्रसिद्ध है। आसन् – थे। अशेषे हि देशे – संपूर्ण देश में। तडागा: – तालाब। निर्मीयन्ते – बनाए जाते। स्म – थे। निर्मातारोऽपि – इनका निर्माण करने वाले भी। अशेषे देशे – संपूर्ण देश में। निवसन्ति – रहते। स्म – थे। गजधरः – गजधर। इति – यह। सुन्दरः – सुंदर। शब्दः – शब्द। तडागनिर्मातॄणां – तालाब बनाने वालों के। सादरं – आदर सहित। स्मरणार्थम् – याद करनेे के लिए है। राजस्थानस्य – राजस्थाान के। केषुचिद् – कुछ। भागेषु – भागो में। शब्दोऽयम् – यह शब्द। अद्यापि – आज भी। प्रचलति ‌‌- प्रचलित है। कः – कौन। गजधर : – गजधर। य: – जो। गजपरिमाणं – गज की माप। धारयति – धारण करते हैं। स – वह। गजधरः – गजधर है। गजपरिमाणम् – गज की माप। एव – ही। मापनकार्ये – मापने के कार्य में। उपयुज्यते – उपयोग होती है। समाजे – समाज में। त्रिहस्त – तीन हाथ। परिमाणात्मिकीं – के माप जितनी लंबी। लौहयष्टिं – लोहे की छड़। हस्ते – हाथ में। गृहीत्वा – पकड़ कर / ग्रहण करके। चलन्त: – चलने वाले। गजधराः – गजधर। इदानीं – इस समय। शिल्पिरूपेण – शिल्पकार के रूप में। नैव – आज नहीं। समादृताः – सम्मानित। सन्ति – है। गजधरः – गजधर। यः – जो। समाजस्य – समाज की। गाम्भीर्यं – गंभीरता को। मापयेत् – मापता हैं। इत्यस्मिन् – इस। रूपे – रूप में। परिचितः – परिचित है।

Translation in Hindi :-

आज ये लोग अज्ञात नाम वाले हैं। पहले वे बहुत प्रसिद्ध होते थे। संपूर्ण देश में तालाब बनाए जाते थे और इनका निर्माण करने वाले भी संपूर्ण देश में रहते थे। गजधर यह सुंदर शब्द तालाब बनाने वालों को आदर सहित याद करने के लिए है। राजस्थान के कुछ भागों में यह शब्द आज भी प्रचलित है। गजधर कौन है? जो गज ( मापने की एक इकाई ) की माप धारण करता है वह गजधर है। गज की माप ही मापने के कार्य में उपयोग होती है। समाज में तीन हाथ के माप जितनी लंबी लोहे की छड़ हाथ में पकड़ कर चलने वाले गजधर इस समय शिल्पकार के रूप में आज सम्मानित नहीं है। गजधर, जो समाज की गंभीरता को मापता है, इसी रूप में परिचित है।

Translation in English —

Today these people are unknown names. Earlier he was very famous. Ponds were built all over the country and those who built them also lived throughout the country. Gajdhar This beautiful word is meant to remember the builders of the pond with respect. This word is still prevalent in some parts of Rajasthan. Who is Gajdhar? One who holds the measure of Gaj (a unit of measurement) is Gajdhar. The measure of yards is used in the measurement work. Gajdhar, who walks holding an iron rod as long as the measure of three hands in the society, is not respected as a craftsman at this time. Gajdhar, who measures the seriousness of society, is familiar with this form.


गजधराः वास्तुकाराः आसन्। कामं ग्रामीणसमाजो भवतु नागरसमाजो वा तस्य नव-निर्माणस्य सुरक्षाप्रबन्धनस्य च दायित्वं गजधरा: निभालयन्ति स्म । नगरनियोजनात् लघुनिर्माणपर्यन्तं सर्वाणि कार्याणि एतेष्वेव आधृतानि आसन्। ते योजनां प्रस्तुवन्ति स्म, भाविव्ययम् आकलयन्ति स्म, उपकरणभारान् सङ्गृह्णन्ति स्म । प्रतिदाने ते न तद् याचन्ते स्म यद् दातुं तेषां स्वामिनः असमर्थाः भवेयुः। कार्यसमाप्तौ वेतनानि अतिरिच्य गजधरेभ्यः सम्मानमपि प्रदीयते स्म।

नमः एतादृशेभ्यः शिल्पिभ्यः।

शब्दार्थ :- गजधराः – गजधर। वास्तुकाराः – वास्तुकार ( भवन आदि का निर्माण करने वाले)। आसन् – थे। कामं – चाहे। ग्रामीणसमाजो – ग्रामीण समाज। भवतु – हो। नागरसमाजो – शहरी समाज हो। वा – या। तस्य – उसके। नव – नया। निर्माणस्य – निर्माण का। सुरक्षाप्रबन्धनस्य – सुरक्षा व्यवस्था का। च – और। दायित्वं – जिम्मेदारी। गजधरा: – गजधर। निभालयन्ति – निभाते। स्म – थे। नगरनियोजनात् – नगर नियोजन से। लघुनिर्माणपर्यन्तं – छोटे-छोटे निर्माण कार्य तक। सर्वाणि – सभी। कार्याणि – कार्य। एतेष्वेव – इन्हीं पर। आधृतानि – आधारित। आसन् – थे। ते – वे। योजनां – योजना को। प्रस्तुवन्ति – प्रस्तुत करते। स्म – थे। भाविव्ययम् – होने वाले खर्चे का। आकलयन्ति – आकलन करते। स्म – थे। उपकरणभारान् – उस कार्य में जो जो सामान की जरूरत है। सङ्गृह्णन्ति – उसे इकट्ठा करते। स्म – थे। प्रतिदाने – बदले में। ते – वे। न – नहीं। तद् – वह।  याचन्ते – मांगते थे। यद् – जो। दातुं – देने में। तेषां – उनके। स्वामिनः – स्वामी। असमर्थाः – असमर्थ। भवेयुः – होते थे। कार्यसमाप्तौ – कार्य की समाप्ति पर। वेतनानि – वेतन के। अतिरिच्य – अतिरिक्त। गजधरेभ्यः – गजधरो को। सम्मानमपि – सम्मान भी। प्रदीयते – दिया जाता। स्म – था। नमः – नमन है। एतादृशेभ्यः – ऐसे। शिल्पिभ्यः – शिल्पकारों को।

Translation in Hindi :-

गजधर वास्तुकार थे। चाहे ग्रामीण समाज हो या शहरी समाज हो, उसके नया निर्माण की सुरक्षा व्यवस्था को और जिम्मेदारी को गजधर निभाते थे। नगर नियोजन से लेकर छोटे-छोटे निर्माण कार्य तक सभी कार्य इन्हीं पर आधारित थे। वे योजना को प्रस्तुत करते थे और उस पर होने वाले खर्चे का आकलन भी करते थे। उस कार्य को पूरा करने में जिस सामान की जरूरत पड़ती थी उसे भी इकट्ठा करते थे। बदले में वे उनके स्वामी से वह चीजें नहीं मांगते थे जिसको देने में उनका स्वामी असमर्थ होता था। कार्य की समाप्ति पर वेतन के अतिरिक्त गजधरो को सम्मान भी दिया जाता था।

ऐसे शिल्पकारों को नमन है।

Translation in English —

Gajdhar was the architect. Whether it was a rural society or an urban society, the security system and responsibility of its new construction were used by Gajadhar. From town planning to small construction works, all the work was based on them. They used to present the plan and also used to estimate the expenditure on it. They also used to collect the things that were needed to complete that task. In return, they did not ask their master for things which their master was unable to give. At the end of the work, in addition to the salary, respect was also given to the Gajdharos.

Salute to such craftsmen.


Also Read:Class 8 Sanskrit रुचिरा NCERT Solution
Also Read : – Class 8 Important Questions for Exams

Leave a Comment

error: