संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Class 8 Science Chapter 3 Notes in Hindi

Class 8 Science/ विज्ञान Chapter 3 संश्लेषित रेशे और प्लास्टिक Notes in Hindi for Quick Revise Your Chapter During Exam for CBSE, HBSE and Other State Board Where NCERT Book विज्ञान is Followed.

Class 8 Science Chapter 3 Notes in Hindi

संश्लेषित रेशे – कपड़े जिनका हम आमतौर पर इस्तेमाल करते हैं पतले पतले धागों से बने होते है। जिन्हें हम रेशे कहते हैं। इसे हम इंसान खुद बनाते हैं। उन्हें हम संश्लेषित रेशे या मानव निर्मित रेशे भी कहते हैं। उदाहरण: – रेयाॅन, नायलॉन

संश्लेषित रेशों के प्रकार—

  1. रेयाॅन – इस रेशे को हम कृत्रिम रेशम के नाम से भी जानते हैं। यह रेशा काष्ठ लुगदी से प्राप्त किया जाता है। इसका इस्तेमाल उन के साथ मिलाकर कालीन या गलीचा बनाने में किया जाता है।
  2. नायलॉन – नायलॉन एक बहुत ही हल्का और मजबूत रेसा है। इसका निर्माण कोयले, वायु और जल से किया जाता है। यह पहला पूर्ण रूप से संश्लेषित रेशा है। इस रेशे का इस्तेमाल पैराशूट, चट्टानों पर चढ़ने के लिए रसिया, जुराबें और भी बहुत सारी चीजों को बनाने में किया जाता है।
  3. पॉलिएस्टर और ऐक्रिलिक – इस रेशे का इस्तेमाल पहनने के कपड़े बनाने में किया जाता है। इस रेशे की खासियत यह है कि इस कपड़े में कभी भी सिलवटें नहीं पड़ती। पहनने के कपड़ों में जो कपड़े हम सर्दियों में इस्तेमाल करते हैं। जो हमें उनके जैसे दिखाई पड़ते हैं वह कपड़े एक्रिलिक के बने होते हैं।

प्लास्टिक – प्लास्टिक एक बहुत ही आम प्रयोग में आने वाली वस्तु है। इसका उपयोग हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत सारी चीजें बनाने में किया जाता है जैसे: – कुर्सी, बाल्टी, खिलौने इत्यादि।

 

प्लास्टिक मुख्यतः दो प्रकार की होती है।

  1. थर्मोप्लास्टिक – यह वह प्लास्टिक होती है जिसको हम गर्म करके कोई भी नया आकार दे सकते हैं। यह प्लास्टिक कभी खराब नहीं होती और इसको बार – बार प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण: – कुर्सी, बाल्टी, पॉलीथिन, बोतल इत्यादि।
  2. थर्मोसेटिंग प्लास्टिक – इस प्लास्टिक को गर्म करके कोई नया आकार नहीं दिया जा सकता। एक बार हम इसको जो आकर दे देते हैं वह बाद में बदला नहीं जा सकता। उदाहरण: – बिजली के बोर्ड, कुकर का हैंडल इत्यादि

प्लास्टिक के गुण –

प्लास्टिक हमारी आम जिंदगी में प्रयोग होने वाली बहुत सारी चीजों में से एक है इसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है इसके खास गुणों की वजह से ‌।

  • प्लास्टिक विद्युत की कुचालक होती है।
  • प्लास्टिक किसी भी अमल या क्षार से अभिक्रिया नहीं करती।
  • प्लास्टिक वजन में हल्की और मजबूत होती है।
  • प्लास्टिक कभी भी खराब नहीं होती।

4R का सिद्धांत

उपयोग कम करिए (Reduce)— पुनः उपयोग कीजिए ( Reuse) —पुनः चक्रित कीजिए ( Recycle) — पुनः प्राप्त कीजिए ( Recover )

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