NCERT Solution of Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 संस्कृति Important Question Answer for HBSE. Here We Provides Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Question Answer, HBSE Important Questions, MCQ and old Question Papers for Students.
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NCERT Solution of Class 10th Hindi Kshitij bhag 2/ क्षितिज भाग 2 Chapter 11 Sanskriti Important Question And Answer ( महत्वपूर्ण प्रश्न ) Solution.
संस्कृति Class 10 Hindi महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. लेखक की दृष्टि में ‘सभ्यता’ और ‘संस्कृति’ की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है ?
उत्तर – लेखक का मानना है कि हम लोग अपनी रूढ़ियों से इस प्रकार बंधे हुए हैं कि प्रतिपल परिवर्तित होने वाले संसार के साथ चल नहीं पाते हैं। इस कारण अपनी सीमाओं में बंधे रहते हैं। इस संकुचित दृष्टिकोण के कारण हम सभ्यता और संस्कृति के लोक कल्याणकारी रूप को भुला देते हैं और अपने व्यक्तिगत, जातिगत, वर्गगत हितों की रक्षा करने में लग जाते हैं और इसे ही अपनी सभ्यता और संस्कृति मान बैठते हैं। इसके विपरीत सभ्यता और संस्कृति में तो मानवीय कल्याण का स्वर प्रमुख होता है। इसके अभाव में सभ्यता असभ्यता और संस्कृति असंस्कृति हो जाती है। अपने स्वार्थों के कारण ही हमें सभ्यता और संस्कृति की सही समझ अब तक नहीं आई है।
प्रश्न 2. वास्तविक अर्थ में ‘संस्कृत व्यक्ति’ किसे कहा जा सकता है ?
उत्तर – लेखक ने ‘संस्कृत व्यक्ति’ उस व्यक्ति को बताया है जिसकी योग्यता, बुद्धि, विवेक, प्रेरणा अथवा प्रवृत्ति उसे किसी नए तथ्य का दर्शन कराती है और वह जनकल्याण के लिए नि:स्वार्थ भाव से कार्य करता है। संस्कृत व्यक्ति सदा अच्छे कार्य करता है। वह प्राणीमात्र के कल्याण की चिंता करता है। अपने कार्यों से वह किसी का अहित नहीं करता है। स्वयं कष्ट उठाकर दूसरों को सुख देता है।
प्रश्न 3. किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा ?
उत्तर – मानव ने सुई-धागे का आविष्कार कपड़े सीने, शीतोष्ण से बचने के लिए, वस्त्र बनाने आदि के लिए किया होगा। शरीर को सजाने के लिए बनाए जाने वाले वस्त्रों के लिए भी सुई-धागे का आविष्कार हुआ होगा। रजाई, गद्दे, टैंट, पर्दे आदि बनाने के लिए भी सुई-धागे का ही उपयोग होता है।
प्रश्न 4. संस्कृति और सभ्यता में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लेखक ने सभ्यता को संस्कृति का परिणाम माना है। हमारा खान-पान, रहन-सहन, ओढ़ना-पहनना, जीवन-शैली आदि सभ्यता के अंतर्गत आते हैं। सभ्यता का संबंध हमारे आचरण से रहता है। यदि हम विकास के कार्य करते हैं तो हम सभ्य कहलाएँगे और विनाशकारी कार्य करने से असभ्य माने जाएँगे।