सूरदास लेखक जीवन परिचय Class 10 Hindi – क्षितिज भाग 2 NCERT Solution

NCERT Class 10 Hindi Chapter 1 Surdas Lekhak Jivan Parichay  ( सूरदास लेखक जीवन परिचय )of Kshitij Bhag 2 / क्षितिज भाग 2. Here We Provides Class 1 to 12 all Subjects NCERT Solution with Notes, Question Answer, HBSE Important Questions, MCQ and old Question Papers for Students.

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NCERT Solution of Class 10 Hindi क्षितिज भाग 2 Kavita Chapter 1 Surdas Ke Pad / सूरदास लेखक जीवन परिचय / Lekhak Jivan Parichay for Exams.

सूरदास लेखक जीवन परिचय


सामान्य जीवन परिचय –
जन्म – 1478 ई० में।
स्थान – एक मान्यता के अनुसार मथुरा के निकट रेणुका चित्र में और दूसरी मान्यता के अनुसार दिल्ली के पास सीही में।
पिता – रामदास बैरागी ( गायक )
गुरु – महाप्रभु वल्लभाचार्य
भक्त – सूरदास जी मथुरा और वृंदावन के बीच गऊघाट पर रहते थे और श्रीनाथजी के मंदिर में भजन-कीर्तन करते थे। वे पुष्टिमार्ग में दीक्षित थे।
मृत्यु – 1583 ई० में पारसोली में।


साहित्यिक रचनाएं – सूरदास जी ने अनेक रचनाएं की। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण इस प्रकार है –
सूरसागर, साहित्य लहरी और सुर सरावली।


साहित्यिक विशेषताएं – सूरदास की कविताओं में खेती और पशुपालन वाले भारतीय समाज का दैनिक अतरंग चित्र और मनुष्य की स्वाभाविक भर्तियों का चित्रण मिलता है। सूर ने मानव प्रेम की गौरव गाथा के माध्यम से सामान्य मनुष्यों को हीनता बोध से मुक्त किया, उनमे जीने की ललक पैदा की।


भाषा शैली – उनकी कविताओं में ब्रजभाषा का निकला हुआ रूप देखने को मिलता है। सूर वात्सल्य और श्रृंगार के श्रेष्ठ कवि माने जाते है। सूरदास जी वर्षों से चली आ रही लोकगीतों की परंपरा की ही श्रेष्ठ कड़ी है। उनकी कविताओं में माधुर्य गुण की प्रधानता है और मुक्तक शैली का प्रयोग किया गया है।


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