उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद Class 10 इतिहास Chapter 7 Important Question Answer – भारत एवं विश्व HBSE Solution

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उपनिवेशवाद एवं साम्राज्यवाद Class 10 इतिहास Chapter 7 Important Question Answer


प्रश्न 1. साम्राज्यवाद में यूरोप, एशिया, अफ्रीका के देशों पर सकारात्मक व विनाशकारी प्रभावों का उल्लेख करें। (HBSE 2022)

उत्तर – साम्राज्यवाद में यूरोप एशिया अफ्रीका के देशों पर सकारात्मक और विनाशकारी प्रभाव देखने को मिले जिनका वर्णन निम्नलिखित हैं :-

क) सकारात्मक प्रभाव:

  • साम्राज्यवादी देशों ने अपने अधीन उपनिवेशों में पश्चिमी शिक्षा लागू की जिससे इन देशों के लोगों को दूसरे देशों की राजनैतिक प्रणालियों के अध्ययन का अवसर मिला।
  • साम्राज्यवादी देशों के पूँजीपतियों ने अधिक लाभ कमाने के लिए उपनिवेशों में नए उद्योग स्थापित किए जिससे इन लोगों को रोजगार प्राप्त करने के नए अवसर प्राप्त हुए।
  • साम्राज्यवादी देशों ने अपने-अपने उपनिवेशों में व्यापार बढ़ाने हेतु अधिक-से-अधिक सड़कें बनवाई तथा रेल की पटरियाँ बिछवाई जिससे इन उपनिवेशों में यातायात के साधनों का बहुत विकास हुआ।
  • यूरोपियन देशों में औद्योगिक क्रांति आने से अत्यधिक लाभ कमाना आरंभ कर दिया।

ख) विनाशकारी प्रभाव –

  • साम्राज्यवादी देशों ने उद्योगों के लिए सस्ते दामों में कच्चा माल खरीदना आरंभ कर दिया और अपने देशों में निर्मित माल अधिक दामों पर बेचना आरंभ कर दिया
  • उन्होंने उपनिवेशों के निजी उद्योगों में बने हुए माल को बेचने के लिए अनेक प्रतिबंध लगा दिए जिससे उपनिवेशों के उद्योग नष्ट हो गए।
  • साम्राज्यवादी देशों ने अपने उपनिवेशों के किसानों का अधिक से अधिक शोषण किया जिससे उपनिवेशों के किसान भी निर्धन हो गए।
  • उपनिवेशों के लोगों को उच्च पदों पर भी नहीं रखा जाता था।
  • साम्राज्यवादी देशों के ईसाई प्रचारकों ने उपनिवेश के लोगों को बलपूर्वक ईसाई बनाना आरंभ कर दिया।

प्रश्न 2. साम्राज्यवाद व उपनिवेशवाद में अंतर स्पष्ट करें। (HBSE 2023)

उत्तर – जब कोई शक्तिशाली देश किसी कमजोर और पिछड़े हुए देश पर बल पूर्वक अपना अधिकार स्थापित करता है। उसे साम्राज्यवाद कहा जाता है और उस देश को उपनिवेश कहा जाता है। जब कोई देश अपनी शक्ति का प्रयोग करके अन्य देशों को प्रभावित करता है तब हम उसे साम्राज्यवाद का नाम देते हैं। लेकिन अगर कोई देश या क्षेत्र पर विजय प्राप्त करता है और अपने क्षेत्र में शामिल करता है उसे उपनिवेशवाद कहा जाता है।


प्रश्न 3. साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने शोषण के कौन-कौन से तरीके अपनाये?
OR
साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने शोषण के कौन-कौन से तरीके अपनाये ? (HBSE 2023)

उत्तर – साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने शोषण के निम्नलिखित तरीके अपनाएं :-

  • साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों से कच्चा माल सस्ती कीमतों पर प्राप्त किया।
  • साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों से धन अपने देश पहुंचा दिया जिससे वह उपनिवेश गरीब हो गया।
  • साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में अपने देश का निर्मित माल सस्ती कीमतों पर बेचकर उपनिवेशों के लघु उद्योग बंद करवा दिए।
  • साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में ईसाई धर्म का बहुत प्रचार किया जिससे वहां की संस्कृति बर्बाद हो गई।
  • साम्राज्यवादी राष्ट्रों ने अपने उपनिवेशों में किसानों से अपनी जरूरतों की खेती करवाई।

प्रश्न 4. औद्योगिक क्रांति का वर्णन करे।

उत्तर – अठारहवीं शताब्दी में गृह उद्योगों के स्थान पर बड़े बड़े कारखानों का निर्माण हुआ जिसके कारण हाथ की अपेक्षा मशीन से तथा घर की अपेक्षा कारखानों में तथा कम की अपेक्षा अधिक उत्पादन होने लगा। इन परिवर्तनों को “औद्योगिक क्रांति” कहा जाता है। सर्वप्रथम इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई।


प्रश्न 5. यूरोपियन देशों में औद्योगिक क्रांति के क्या परिणाम हुए।

उत्तर – जिन यूरोपियन देशों में औद्योगिक क्रांति आई थी, वे सभी देश अपने-अपने देशों के कारखानों में बहुत अधिक माल बनाने लगे। इस माल को उन्होंने स्वयं उपनिवेशों में बेचकर अत्यधिक लाभ कमाना आरंभ कर दिया। इन उपनिवेशों से ही ये देश सस्ते दामों पर कच्चा माल खरीदने लगे जिससे सभी यूरोपीय देश व्यापार के कारण अधिक धनवान हो गए।


प्रश्न 6. हस्तशिल्प उद्योगों के पतन के क्या कारण थे? वर्णन करें।

उत्तर – हस्तशिल्प उद्योगों के पतन के निम्नलिखित कारण थे –

  • औद्योगिक क्रांति के कारण इंग्लैंड में बड़े-बड़े कारखाने स्थापित हो गए। इनमें बड़ी मात्रा में उत्पादन होने लगा और यह माल सुंदर तथा सस्ता होता था। भारतीय माल महंगा होने की वजह से इनके सामने नहीं टिक सका और बहुत सारे उद्योग धंधे बंद हो गए।
  • भारतीय लघु उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुएँ जब इंग्लैंड तथा यूरोप के बाजारों में पहुँचती थी तो उन पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगा दिए जाते थे ताकि वहाँ के लोग उन्हें खरीद न सके।
  • भारतीय दस्तकारों तथा शिल्पकारों द्वारा निर्मित वस्तुओं के बड़े खरीददार भारतीय शासक तथा राजदरबार थे परंतु अंग्रेजों ने सभी राज्यो का अंत कर दिया जिससे उनके मुख्य ग्राहक समाप्त हो गए।

प्रश्न 7. साम्राज्यवाद क्या है ? साम्राज्यवाद के प्रसार में कौन-कौन-सी परिस्थितियाँ सहायक रहीं ? (HBSE 2023)

उत्तर – किसी शक्तिशाली देश द्वारा दूसरे निर्बल और गरीब देशों को अपने अधीन लेकर उनसे आर्थिक लाभ उठाने की प्रवृति उपनिवेशवाद कहलाती है। इस प्रकार की नीति का अनुसरण यूरोप में सामान्यतः 1500 ई. से 1750 ई. के बीच किया गया। उन्नीसवीं शताब्दी में इसे साम्राज्यवाद नाम दिया गया।

साम्राज्यवाद के प्रसार में सहायक परिस्थितयाँ :-

  • लाभ कमाने की लालसा।
  • मातृदेश की शक्ति बढ़ाना।
  • मातृदेश में सजा से बचना।
  • स्थानीय लोगों का धर्म बदलवाकर उन्हें उपनिवेशिक धर्म में शामिल करना।

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