वायु तथा जल का प्रदूषण Class 8 Science Chapter 18 Question Answer in Hindi Medium PDF

Class 8 Science/ विज्ञान Chapter 18 वायु तथा जल का प्रदूषण Question Answer / प्रश्न उत्तर in Hindi for CBSE, HBSE and other State Board Hindi Medium Students. These Questions allowed Where NCERT Book Class 8 विज्ञान is Followed.

Class 8 विज्ञान Chapter 18 Question Answer in Hindi

प्रश्न 1 किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है?

उत्तर- (i) बहुत-सी औद्योगिक इकाइयाँ हानिकारक रसायनों को जल में प्रवाहित कर देती हैं जिससे प्रदूषण फैलता है। उदाहरण-आर्सेनिक लेड तथा फ्लोराइड।

(ii) खेतों में प्रयोग होने वाले पीड़कनाशी और अपतृणनाशी जल में घुलने के बाद भूमि में कंकर भौम जल को प्रदूषित करते हैं।

(iii) तालाबों में उगने वाले शैवाल जब मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग कर जल में ऑक्सीजन की कमी कर देते हैं, जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।

(iv) वाहित अनुपचारित मल भी जल को दूषित कर सकता है क्योंकि इसमें जीवाणु, वायरस, कवक तथा परजीवी हो सकते हैं।

प्रश्न 2 व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं?

उत्तर-

(i) अपने वाहन में सीसारहित ईंधन जैसे CNG का प्रयोग करें।

(ii) जीवाश्मी ईंधन के स्थान पर वैकल्पिक ईंधन का प्रयोग करें। उदाहरण-सौर ऊर्जा।

(iii) अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर।

(iv) वायु प्रदूषण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करके।

प्रश्न 3 स्वच्छ, पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर- यह सच है कि हमें सदैव स्वच्छ तथा पारदर्शी पानी ही पीना चाहिए। परन्तु, यह सही नहीं है कि स्वच्छ पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है। क्योंकि, उसमें रोगवाहक सूक्ष्मजीव और घुले हुए अपद्रव्य भी हो सकते हैं, जिसको पीकर हम बीमार भी पड़ सकते हैं। इसलिए सदैव शुद्ध पेयजल ही पीना चाहिए। अगर पानी की गुणवत्ता के बारे में सही जानकारी न हो तो उसे उबाल कर या फिल्टर करके ही पीना चाहिए।

प्रश्न 4 आप अपने शहर की नगरपालिका के सदस्य हैं। ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।

उत्तर- अगर मैं नगरपालिका का सदस्य होता तो मैं स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए जल बोर्ड के साथ समय-समय पर बैठक करता और जल के नमूने गैर-सरकारी प्रयोगशाला में भी भेज उसकी जाँच करवाता। यदि आवश्यक होता तो इस संबंध में पत्र आदि के द्वारा दिल्ली जल बोर्ड को उचित कार्यवाही के लिए कहता। इसके साथ-साथ सभी पाइपों को भी समय-समय पर चेक करवाता ताकि कहीं से पेयजल का पाइप खराब हो तो बदला जा सके ताकि संदूषित पानी घरों तक नहीं पहुँच सके और इसके अलावा क्षेत्र की पानी की टंकियों को भी समय-समय पर चेक करवाता और साफ-सफाई का ध्यान रखता।

प्रश्न 5 शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-

शुद्ध वायु- शुद्ध वायु हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्त्वपूर्ण है। ऐसी वायु जिसमें कार्बन, ऑक्सीजन आदि गैसें सही मात्रा में उपलब्ध हों, शुद्ध वायु कहलाती है। यदि यह उपलब्ध नहीं हो तो हम श्वसन रोगों से ग्रसित हो जाएँगे और स्वस्थ जीवन नहीं जी सकेंगे।

प्रदूषित वायु- यह हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। दुनियाभर में औद्योगीकरण के बढ़ते कदमों से इसकी मात्रा में लगातार वृद्धि हो रही है। विश्व ऊष्णन तथा अम्ल वर्षा आदि इसी के प्रमाण हैं। इसे रोकने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। प्रदूषण रहित ईंधन और सौर ऊर्जा आदि का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 6 उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए जिनसे अम्ल वर्षा होती है। अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है?

उत्तर- जब सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड गैस प्रदूषक वायुमण्डल में उपस्थित जल वाष्प से अभिक्रिया करके सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल बनाती हैं तो ये वर्षा को अम्लीय बनाकर वर्षा के साथ पृथ्वी पर बरस जाते हैं। इसे अम्ल वर्षा कहते हैं। अम्ल वर्षा मानव के साथ-साथ पौधों तथा जंतुओं के लिए भी बहुत हानिकारक है। यह जहाँ पर हो वहाँ के पेड़-पौधों को सड़ा देती है, पत्थर तक को पीला कर देती है, कई तरह की बीमारी पैदा कर सकती है और मिट्टी की उर्वरता को भी प्रभावित करती है।

प्रश्न 7 निम्नलिखित में से कौन सी पौधा-घर गैस नहीं है?

(क) कार्बन डाइऑक्साइड

(ख) सल्फर डाइऑक्साइड

(ग) मीथेन

(घ) नाइट्रोजन

उत्तर- (घ) नाइट्रोजन।

प्रश्न 8 पौधा-घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर- सूर्य की किरणें वायुमण्डल से गुजरने के पश्चात् पृथ्वी की सतह को गरम करती हैं। इसका कुछ भाग पृथ्वी अवशोषित कर लेती है और कुछ परावर्तित हो जाता है। परावर्तित किरणों का कुछ भाग वायुमण्डल में रुककर पृथ्वी को गर्म करता है। इस प्रक्रिया को पौधा-घर प्रभाव कहते हैं। इसके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं। लेकिन अब यह प्रक्रम जीवन के लिए खतरा बन गया है। क्योंकि इस प्रभाव के लिए उत्तरदायी गैसों में CO2 एक है जिसकी मात्रा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड तथा जलवाष्प जैसी अन्य गैसें भी इसमें योगदान देती हैं और इन्हें भी पौधा-घर गैसें कहते हैं।

प्रश्न 9 आपके द्वारा कक्षा में विश्व ऊष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए।

उत्तर- छात्र स्वयं कोशिश करें।

प्रश्न 10 ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए।

उत्तर- अम्लीय वर्षा के कारण ताजमहल की सुंदरता खत्म होती जा रही है। इस फोटो में आप देख कर आप समझ सकते हो कि पहले ताजमहल कैसा दिखता था और आज कैसा दिखता है। लगातार बढ़ते प्रदूषण की वजह से ताजमहल की सुंदरता संकट में हैं।

प्रश्न 11 जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है?

उत्तर- कहीं-कहीं जलाशयों में बहुत से शैवाल उग जाते हैं। यह उर्वरकों में उपस्थित नाइट्रेट एवं फास्फेटों जैसे रसायनों की आधिक्य मित्रों के कारण होता है। ये रसायन शैवाल को फलने-फूलने के लिए पोषक की भाँति कार्य करते हैं। जब ये शैवाल मर जाते हैं तो जीवाणु जैसे घटकों के लिए भोजन का कार्य करते हैं। ये अत्यधिक ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे जलीय जीव मर जाते हैं।

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