वैदिक काल Class 6 इतिहास Chapter 2 Important Question Answer – हमारा भारत I HBSE Solution

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HBSE Class 6 इतिहास / History in hindi वैदिक काल / Vedic kal Important Question Answer for Haryana Board of chapter 2 in Hamara Bharat 1 Solution.

वैदिक काल Class 6 इतिहास Chapter 2 Important Question Answer


प्रश्न 1. विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ कौन-सा है ?

उत्तर – ऋग्वेद।


प्रश्न 2. राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थता का कार्य कौन-कौन करते थे?

उत्तर – राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनापति, ग्रामणी आदि होते थे जो राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थ का काम करते थे।


प्रश्न 3. ऋग्वेद की रचना किसने और कहां की थी ?

उत्तर – ऋग्वेद की रचना गृत्समद, विश्वामित्र, वामदेव, अत्रि, भारद्वाज, वशिष्ठ, कण्व व अंगिरा आदि ऋषियों ने सरस्वती व दृषद्वती नदियों के किनारे पर की है।


प्रश्न 4. उत्तर वैदिक काल के प्रमुख राज्यों के नाम लिखो।

उत्तर – कुरु, पांचाल, काशी, कौशल, विदेह।


प्रश्न 5. उत्तर वैदिक काल में शासन की कुशलता के लिए राजा द्वारा किन-किन अधिकारियों की नियुक्ति की जाती थी? उनके कार्यों का उल्लेख करें।

उत्तर – उत्तर वैदिक काल में शासन की कुशलता के लिए राजा भागदुह (कर एकत्रित करने वाला), संग्रहीता (खजांची), सूत (सारथी), द्वारपाल (सन्देश लाने-ले जाने वाला), पालागल, पुरोहित और युवराज आदि अधिकारियों की नियुक्ति करता था।


प्रश्न 6. उत्तर वैदिक काल के सामाजिक जीवन पर एक नोट लिखें।

उत्तर – समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होती थी। ऋग्वेद की भांति समाज वर्णों में विभाजित था परंतु उसका आधार अब भी कर्म ही था। शूद्रों के साथ भेदभाव नहीं होता था। छूआछूत की भावना भी नहीं थी । वैश्वदेव यज्ञ में लगे आर्यों के लिए शूद्रों द्वारा भोजन बनाने का प्रावधान था । अथर्ववेद में सभी वर्णों की कीर्ति के लिए कामना मिलती है। उत्तर वैदिक काल में मनुष्य की आयु को सौ वर्ष मानकर उसको चार आश्रमों में बांटा गया हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक 16 संस्कारों को करने का प्रचलन था। इस काल में सात्विक भोजन होता था।


प्रश्न 7. ऋग्वैदिक काल में पारिवारिक संरचना किस प्रकार की थी? वर्णन करें!

उत्तर – ऋग्वैदिक समाज का आधार संयुक्त परिवार होता था जिसमें पिता या बड़ा भाई परिवार का स्वामी होता था। उसके अधिकार असीमित होते थे। वह परिवार के सदस्यों को कठोर से कठोर दण्ड भी दे सकता था। लेकिन ऐसा होता नहीं था। वह बहुत ही प्यार से परिवार चलता था।


प्रश्न 8. उत्तर वैदिक काल के आर्थिक जीवन का विश्लेषण करें।

उत्तर

  • इस काल में आय का प्रमुख साधन कृषि था। ऋतुओं के अनुसार फसल को बोया और काटा जाता था। सिंचाई के लिए वे वर्षा पर ही निर्भर थे। कुएं और नदियों के जल का भी प्रयोग करते थे।
  • इस काल में गाय का महत्व काफी बढ़ गया था और उसे श्रद्धा की दृष्टि से देखा जाता था। इस काल में हाथी, ऊंट, घोड़ा, सूअर, गधा, कुत्ता, तथा अन्य काम आने वाले पशुओं को पाला जाता था।
  • इस काल के निष्क, शतमान, कार्षापण आदि मुद्रा की विभिन्न इकाइयों के उल्लेख मिलते हैं।

प्रश्न 9. ऋग्वेद काल की राजनीतिक व्यवस्था का विश्लेषण करें।

उत्तर – राजनीतिक दृष्टि से ऋग्वैदिक काल की सबसे बड़ी इकाई जन थी। जन विशों में बटें हुए थे। विश ग्रामों में, ग्राम कुलों में और कुल परिवारों में बटें हुए थे। सबसे छोटी इकाई ‘परिवार’ का मुखिया पिता या बड़ा भाई होता था, जिसको कुलप कहा जाता था। कई कुलों से मिलकर ग्राम बनता था। ग्राम के मुखिया को ग्रामणी कहा जाता था। ग्राम से बड़ी संस्था विश होती थी जिसका स्वामी विशपति कहलाता था। कई विशों के समूह को जन कहा जाता था। देश के लिए ‘राष्ट्र’ शब्द का प्रयोग किया गया है। जन के अधिपति को राजन कहा जाता था। राजन निरंकुश नहीं थे। ‘सभा, समिति और विदथ’ नामक संस्थाए उन पर अंकुश रखती थी। कई अवसरों पर वे राजा का चुनाव भी करती थीं और राजा को हटा भी देती थी। राजा की सहायता के लिए पुरोहित, सेनापति, ग्रामणी आदि होते थे जो राजा और प्रजा के बीच में मध्यस्थ का काम करते थे। इन्हें अपने-अपने भू-भाग में शासन व न्याय के अधिकार प्राप्त थे।


प्रश्न 10. दर्शन की छह आस्तिक व्याख्याएं कौन-कौन सी है? इनके अनुसार संसार क्या है?

उत्तर – दर्शन की छह आस्तिक व्याख्याएं निम्नलिखित हैं। जिनमें 1. सांख्य दर्शन 2. योग दर्शन 3. वैशेषिक दर्शन 4. न्याय दर्शन 5. पूर्व मीमांसा और 6. उत्तर मीमांसा । ये सभी व्याख्याएं संसार को मायाजाल मानती हैं।


प्रश्न 11. ऋग्वेदिक काल में वर्ण कितने प्रकार के होते थे? उनके नाम लिखिए।

उत्तर – ऋग्वेदिक काल में वर्ण चार प्रकार के थे —

  1. ब्राह्मण
  2. क्षत्रिय
  3. वैश्य
  4. शूद्र

प्रश्न 12. ऋग्वेदिक काल में मनुष्य के जीवन को कितने आश्रमों में बांटा गया था? संक्षेप में वर्णन करें।

उत्तर – ऋग्वेदिक काल में मनुष्य के जीवन को चार आश्रमों में बांटा गया था – 1 से 25 वर्ष तक ब्रह्मचर्य आश्रम, 25 से 50 वर्ष तक गृहस्थ आश्रम, 50 से 75 वर्ष तक वानप्रस्थ आश्रम व 75 से 100 वर्ष तक संन्यास आश्रम। इन अवस्थाओं में ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए शिक्षा ग्रहण करना, गृहस्थ जीवन में विवाह करना व धन कमाना, वानप्रस्थ में समाज हित के कार्य करना व संन्यास आश्रम में मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रयास करना होता था।


प्रश्न 13. ऋग्वेदिक काल के तीन अंतरिक्ष के देवताओं के नाम लिखिए।

उत्तर – इन्द्र, रुद्र, वायु


प्रश्न 14. ऋग्वेदिक काल के तीन पृथ्वी के देवताओं के नाम लिखिए।

उत्तर – अग्नि, पृथ्वी, सोम


प्रश्न 15. ऋग्वेदिक काल के तीन आकाश के देवताओं के नाम लिखिए।

उत्तर – सूर्य, वरुण, आदित्य


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