घर्षण Class 8 Science Chapter 9 Notes in Hindi

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Class 8 Science Chapter 9 घर्षण Notes in Hindi


घर्षण – जब दोस्त में परस्पर संपर्क में आती है। उस समय कोई वस्तु जिस दिशा में गति कर रही है। घर्षण बल उसकी उल्टी दिशा में कार्य करता है। उदाहरण के लिए हम मान कर चलते हैं कि हम उत्तर दिशा में जा रहे हैं। तो घर्षण बल दक्षिण दिशा की ओर कार्य करेगा।

घर्षण को प्रभावित करने वाले कारक-

  • किसी वस्तु का वजन बढ़ने पर घर्षण बढ़ जाता है।
  • किसी वस्तु की गति बढ़ने पर घर्षण बढ़ जाता है।
  • किसी वस्तु के आकार पर भी घर्षण बदल जाता है।
  • पृष्ठ की चिकनाहट से भी घर्षण बदल जाता है।

हम किसी भी वस्तु के घर्षण को कम या ज्यादा कर सकते हैं

  • किसी वस्तु पर स्नेहक लगाने से घर्षण कम हो जाता है।
  • किसी वस्तु को खुरदुरा करने से घर्षण बढ़ जाता है।
  • पहिए घर्षण को कम कर देते हैं।
  • किसी वस्तु का आकार घर्षण को कम या ज्यादा कर सकता है।

हवा और द्रव्य के अंदर भी घर्षण होता है।

लोटनिक घर्षण – जब कोई वस्तु दूसरी वस्तु पर लोटन करती है यानी कि जब वह वस्तु दूसरी वस्तु पर गोल घूम कर जाती हैं उसे लोटनिक घर्षण कहते हैं। उदाहरण के लिए पहिए कृष्ण को कम करते हैं। उनके अंदर लोटनिक घर्षण होता है।

स्थैतिक घर्षण- जब कोई वस्तु एक जगह पर खड़ी रहती है तो उस समय उस पर घर्षण लग रहा होता है। जिसे स्थैतिक घर्षण कहते हैं।

सर्पी घर्षण- जब कोई वस्तु दूसरी वस्तु पर सरक रही होती है। उस घर्षण को सर्पी घर्षण कहते हैं। उदाहरण के लिए हम किसी सामान से भरी बेटी को खींच रहे हैं। उस समय उस पर लगने वाला घर्षण सर्पी घर्षण है।


 

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