HBSE Class 9 सामाजिक Case Study Based Important Questions in Hindi 2025 Pdf

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HBSE ( Haryana Board ) Solution of HBSE Class 9 सामाजिक Case Study Based Important Questions in Hindi 2025 Pdf.

HBSE Class 9 Social Science Case Study Based Important Question Answer in Hindi 2025


दी गई केस स्टडी को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें :


रामू की केस स्टडी
रामू रायपुर गाँव में कृषि क्षेत्रक में एक अनियत खेतिहर मज़दूर के रूप में काम करता है। उसका सबसे बड़ा बेटा सोमू दस वर्ष का है। वह भी गाँव के सरपंच सतपाल सिंह के पशुओं की देखभाल करने वाले पाली के रूप में काम करता है। सोमू सरपंच के यहाँ पूरे वर्ष काम करता है और उसे इस काम के लिए सिर्फ एक हज़ार रुपये मिलते हैं। रामू के तीन और बेटे और दो बेटियाँ हैं, लेकिन वे अभी बहुत कम उम्र के हैं और वे खेत में काम नहीं कर सकते। रामू की पत्नी सुनहरी भी पशुओं की सफाई करने और गोबर हटाने का काम (अंशकालिक) करती है। उसे अपने रोज़ाना काम के बदले आंधा लीटर दूध और सब्ज़ियों के साथ कुछ पका खाना मिलता है। इसके अलावा व्यस्त मौसम में वह अपने पति के साथ मिलकर खेती में काम करती है और उनकी आमदनी बढ़ जाती है। कृषि एक मौसमी कार्य है और रामू को केवल बुआई, पौधा रोपण और फसल की कटाई के समय काम मिलता है। वह वर्ष में फसल तैयार होने और पकने तक की अवधि के दौरान लगभग चार महीने बेरोज़गार रहता है। तब वह दूसरे कार्यों में काम की तलाश करता है। कभी-कभी उसे ईंट भट्टे में या गाँव में चल रहे निर्माण कार्यों में काम मिल जाता है। रामू अपने इन प्रयासों से नकद या फिर वस्तु रूप में इतना कमा लेता है, जिससे वह अपने परिवार के दो जून के भोजन के लिए ज़रूरी चीजें जुटा सके। बहरहाल, जब वह कहीं काम पाने में असफल रहता है तो उसे और उसके परिवार को वास्तव में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, और कभी-कभी उसके छोटे बच्चों को भूखे पेट ही सोना पड़ता है। परिवार को दूध तथा सब्ज़ियाँ भोजन के साथ नियमित रूप से नहीं मिलती हैं। रामू कृषि कार्य की मौसमी प्रकृति के कारण अपनी बेरोज़गारी के चार महीनों में खाद्य की दृष्टि से असुरक्षित रहता है।

(i) कृषि एक मौसमी क्रिया क्यों है ?
(ii) रामू वर्ष के लगभग चार महीने बेरोजगार क्यों रहता है ?
(iii) रामू जब बेरोजगार होता है, तो वह क्या करता है ?
(iv) रामू के परिवार में पूरक आय कौन प्रदान करता है ?


सउदी अरब में नागरिक अधिकार
आइए, अब सउदी अरब का उदाहरण देखें और वहाँ की सरकार अपने नागरिकों को कितनी आज़ादी देती है, इस पर गौर करें। जरा इन तथ्यों पर विचार करें:
देश में एक वंश का शासन चलता है और राजा या शाह को चुनने या बदलने में लोगों की कोई भूमिका नहीं होती।
शाह ही विधायिका और कार्यपालिका के लोगों का चुनाव करते हैं। जजों की नियुक्ति भी शाह करते हैं और वे उनके फैसलों को पलट भी सकते हैं।
लोग कोई राजनैतिक दल या संगठन नहीं बना सकते। मीडिया शाह की मर्जी के खिलाफ कोई भी खबर नहीं दे सकती।
कोई धार्मिक आज़ादी नहीं है। सिर्फ मुसलमान ही यहाँ के नागरिक हो सकते हैं। यहाँ रहने वाले दूसरे धर्मों के लोग घर के अंदर ही अपने धर्म के अनुसार पूजा-पाठ कर सकते हैं। उनके सार्बजनिक/धार्मिक अनुष्ठानों पर रोक है।
औरतों को वैधानिक रूप से मर्दों से कमतर का दर्जा मिला हुआ है और उन पर कई तरह की सार्वजनिक पाबंदियाँ लगी हैं। मदों को जल्दी ही स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए मताधिकार मिलने वाला है जबकि औरतों को यह अधिकार नहीं मिलेगा।
ये बातें सिर्फ सउदी अरब पर ही लागू नहीं होतीं। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं जहाँ ऐसी स्थितियाँ मौजूद हैं।

(i) सउदी अरब में किस प्रकार की सरकार है ?
(ii) सउदी अरब का राज्य धर्म क्या है ?
(iii) सउदी अरब में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार हैं। (हाँ/नहीं)
(iv) मीडिया शाह की मर्जी के खिलाफ कोई खबर दे सकती है। (हाँ/नहीं)


 

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