किशोरावस्था की ओर Class 8 Science Chapter 7 Question Answer in Hindi Medium PDF

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CBSE and HBSE Solution of Class 8 Science chapter 7 किशोरावस्था की ओर Question Answer in Hindi solution.

Class 8 Science Chapter 7 किशोरावस्था की ओर Question Answer in Hindi


प्रश्न 1. शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का क्या नाम है?

उत्तर- हार्मोन।


प्रश्न 2. किशोरावस्था को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- जीवनकाल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिनके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। यह लगभग 11 से 18 या 19 वर्ष तक रहती है।


प्रश्न 3. ऋतुस्राव क्या है? वर्णन कीजिए।

उत्तर- स्त्रियों में यौवनारंभ पर अंडाणु परिपक्व होने लगते हैं। अंडाशयों में एक अंडाणु परिपक्व होता है तथा लगभग 28-30 दिनों के अंतराल पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्मोचित होता है। इस अवधि में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है जिसे वह अंडाणु के निषेचन के पश्चात् युग्मनज को ग्रहण कर सके, जिसके फलस्वरूप गर्भधारण होता है। यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता तो अंडाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्राव होता है, जिसे ऋतु स्राव या रजोधर्म कहते हैं।


प्रश्न 4. यौवनारम्भ के समय होने वाले शारीरिक परिवर्तनों की सूची बनाइए।

उत्तर- यौवनारम्भ के समय होने वाले परिवर्तन

(i) लंबाई में वृद्धि- इस समय शरीर की लंबी अस्थियों को लंबाई में वृद्धि होती है और व्यक्ति लंबा हो जाता है। लगभग 18 वर्ष की आयु तक लड़के व लड़कियाँ अपनी अधिकतम लंबाई प्राप्त कर लेते हैं, जो आनुवांशिक जीन पर निर्भर करती है।

(ii) शारीरिक आकृति में परिवर्तन- लड़कों में कंधे फैलकर चौड़े हो जाते है और लड़कियों की कमर का निचला भाग चौड़ा हो जाता है। लड़कों में शारीरिक पेशियाँ लड़कियों की अपेक्षा सुस्पष्ट एवं गठी दिखाई देती हैं।

(iii) स्वर में परिवर्तन- लड़कों का स्वरयंत्र विकसित होकर बड़ा हो जाता है और कभी-कभी आवाज़ भर्राने या फटने लगती है। लड़कियों का स्वरयंत्र अपेक्षाकृत छोटा और स्वर उच्च तारत्व वाला होता है।

(iv) स्वेद एवं तेल ग्रंथियों में वृद्धि- किशोरावस्था में इनका स्त्राव बढ़ जाता है, जिससे कुछ व्यक्तियों के चेहरे पर मुँहासे आदि हो जाते हैं।

(v) जनन अंगों का विकास- नर जननांग विकसित हो जाते हैं। वृषण से शुक्राणुओं का उत्पादन प्रारंभ हो जाता है। लड़कियों में अंडाशय के आकार में वृद्धि होती है तथा अंड परिपक्व होने लगते हैं। अंडाशय से अंडाणुओं का निर्माचन भी प्रारंभ हो जाता है।

(vi) मानसिक, बौद्धिक एवं संवेदनात्मक परिपक्वता- किशोर अधिक स्वतंत्र तथा सचेत होते हैं। इस समय सीखने की क्षमता सर्वाधिक होती है। कभी-कभी परिवर्तनों की वजह से किशोर अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं।


प्रश्न 5. दो कॉलम वाली एक सारणी बनाइए जिसमें अंतःस्रावी ग्रंथियों के नाम तथा उनके द्वारा स्रावित हार्मोन के नाम दर्शाए गए हो।

उत्तर-

अंत स्त्रावी ग्रंथियों के नाम स्त्रावित हार्मोन
  1. पिट्यूटरी
  2. थायरॉइड
  3. पैराथायराॅइड
  4. एड्रिनल
  5. अग्नाशय
  6. वृषण
  7. अंडाशय
  1. वृद्धि हार्मोन
  2. थायरोक्सिन
  3. पैराथायराॅइड हार्मोन
  4. एड्रिनल हार्मोन
  5. इंसुलिन
  6. टेस्टोस्टेरोन
  7. एस्ट्रोजन

प्रश्न 6. लिंग हार्मोन क्या हैं? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार्य बताइए।

उत्तर- हमारे शरीर में अंत:स्त्रावी ग्रंथियों, वृषण एवं अंडाशय लैंगिक हार्मोन स्रावित करते हैं। यह हामान गौण लीगिक लक्षणों के लिए उत्तरदायी हैं, जो लड़कों को लड़कियों से अलग पहचानने में सहायता करते हैं। इसलिए इन्हें लिंग हार्मोन भी कहते हैं। ये भी पीयूष ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के नियंत्रण में हैं।

प्रकार्य – लिंग हार्मोन रासायनिक पदार्थ हैं। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों या अंतःस्रावी तंत्र द्वारा स्रावित किए जाते हैं। यौवनारम्भ के साथ ही वृषण पौरुष हार्मोन या टेस्टोस्टेरॉन का स्त्रावण प्रारंभ कर देता है। यह लड़कों में परिवर्तनों का कारक है। उदाहरण के लिए, चेहरे पर बालों का आना। लड़कियों में यौवनारम्भ के साथ ही अंडाशय स्त्री हार्मोन या एस्ट्रोजन उत्पादित करना प्रारंभ कर देता है, जिससे स्तन विकसित हो जाते हैं और दुग्धग्रंथियाँ भी उनमें विकसित होती हैं। इन हार्मोनों के उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है, जो पीयूष ग्रंथि या पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा स्रावी किया जाता है।


प्रश्न 7. सही विकल्प चुनिए

(क) किशोर को सचेत रहना चाहिए कि वह क्या खा रहे हैं, क्योंकि

(i) उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।

(ii) शरीर में तीव्र गति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार की आवश्यकता होती है।

(iii) किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।

(iv) किशोर में स्वाद कलिकाएँ (ग्रंथियां) भलीभाँति विकसित होती हैं।

(ख) स्त्रियों में जनन आयु (काल) का प्रारम्भ उस समय होता है जब उनके :

(i) ऋतुस्राव प्रारम्भ होता है।

(ii) स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।

(iii) शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।

(iv) शरीर की लंबाई बढ़ती है।

(ग) निम्न में से कौन सा आहार किशोर के लिए सर्वोचित है:

(i) चिप्स, नूडल्स, कोक

(ii) रोटी, दाल, सब्जियां

(ii) चावल, नूडल्स, बर्गर

(iv) शाकाहारी टिक्की, चिप्स तथा लेमन

उत्तर- (क) (ii), (ख) (i), (ग) (ii)


प्रश्न 8. निम्न पर टिप्पणी लिखिए —

(i) ऐडम्स ऐपल

(ii) गौण लैंगिक लक्षण

(iii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण

उत्तर- (i) ऐडम्स ऐपल- किशोरावस्था में लड़कों का स्वरयंत्र विकसित होकर अपेक्षाकृत बड़ा हो जाता है। लड़कों में बड़ा होकर स्वरयंत्र गले के सामने की ओर सुस्पष्ट उभरे भाग के रूप में दिखाई देता है, जिसे ऐडम्स ऐपॅल (कंठमणि) कहते हैं।

 

(ii) गौण लैंगिक लक्षण- युवावस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होने लगता है तथा लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते हैं अर्थात् दाढ़ी-मूंछ आने लगती है। ये लक्षण क्योंकि लड़कियों को लड़कों से अलग पहचानने में सहायता करते हैं, इसलिए इन्हें गौण लैंगिक लक्षण कहते हैं। लड़कों के सीने पर भी बाल आ जाते हैं। लड़कों व लड़कियों दोनों में ही बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग या प्यूबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं। ये सभी परिवर्तन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होते हैं और हार्मोन अंत:स्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं।

(iii) गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण- युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अंडाणु में सदा एक X गुणसूत्र होता है, परंतु शुक्राणु दो प्रकार के होते हैं-X तथा Y गुणसूत्रों वाले। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो मादा शिशु में विकसित होता है और जब Y गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो नर शिशु विकसित होता है।

 

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण के लिए उत्तरदायी पिता के लिंग गुणसूत्र हैं।


प्रश्न 9. शब्द पहेली : शब्द बनाने के लिए संकेत संदेश का प्रयोग कीजिए-

बाई से दाई ओर

3. एड्रिनल ग्रंथि से स्रावित हार्मोन

4. मेंढक में लारवा से वयस्क तक होने वाला परिवर्तन

5. अंतःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ

6. किशोरावस्था को कहा जाता है

ऊपर से नीचे की ओर

1. अंतः:स्रावी ग्रंथियों का दूसरा नाम

2. स्वर पैदा करने वाला अंग

3. स्त्री हार्मोन

उत्तर-

 


प्रश्न 10. नीचे दी गई सारणी में आयु वृद्धि के अनुपात में लड़कों और लड़कियों की अनुमानित लंबाई के आंकड़े दर्शाए गए हैं। लड़के और लड़कियों दोनों की लंबाई और आयु को प्रदर्शित करते हुए एक ही ग्राफ कागज़ पर ग्राफ खींचिए। इस ग्राफ से आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं।

उत्तर- इस ग्राफ से यह निष्कर्ष निकलता है कि जन्म के समय दोनों की लंबाई समान होती है, पर 4-8 वर्ष के अंतराल में लड़कों की लंबाई लड़कियों से ज्यादा तेजी से बढ़ती है और 16 वर्ष तक पहुँचते-पहुँचते दोनों की लंबाई समान हो जाती है। परंतु 16-20 वर्ष की आयु में लड़कों की लंबाई | लड़कियों की लंबाई से अधिक हो जाती है।


 

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